साहित्य जगत का वातावरण बदलना साहित्य परिषद का काम : पराड़कर

साहित्य जगत का वातावरण बदलना साहित्य परिषद का काम : पराड़कर

ग्वालियर में परिषद की बैठक में हुई प्रान्त कार्यकारिणी की घोषणा,बार्षिक कार्यक्रमों की रूपरेखा पर सदस्यों को दिया प्रशिक्षण

ग्वालियर- अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रान्त की बैठक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीधर पराड़कर काका के मुख्यातिथ्य में गुरुकृपा होटल ग्वालियर में आयोजित की गई। जिसमें मध्य भारत प्रान्त के सभी जिलों से परिषद के जिला अध्यक्ष और अपेक्षित सदस्य उपस्थित रहे। साथ ही बैठक में परिषद के प्रदेश महामंत्री प्रवीण गुगनानी ,मध्य भारत प्रान्त के अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव, महामंत्री आशुतोष शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण करके किया। सरस्वती वंदना कुमारी एकता गोस्वामी ने एवं परिषद गीत बाबू देवलाल घायल ने गाया।प्रथम सत्र का संचानल महामंत्री आशुतोष शर्मा ने दूसरे सत्र का संचालन देवेंद्र तोमर ने एवं तीसरे सत्र का संचालन सुनील पांसे ने क्या जबकि आभार व्यक्त राष्ट्रीय हास्य कवि मुकेश शांडिल्य हरदा ने किया।
मुख्य अतिथि काका श्रीधर पराड़कर ने मौजूद सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय मे हमारे सामने सबसे बड़ी चुनोती यह है कि समाज मे अच्छा साहित्य कैसे पहुंचाया जाए। लोगों को, आज वे जिस साहित्य को पड़ रहे हैं उससे कैसे दूर करके समाज के लिए लाभदायक और लोगो में राष्ट्र प्रेम को बढ़ाने वाले साहित्य को पढ़ने के लिए कैसे प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक लोगों को प्रभावी साहित्य पड़ने को नही मिलेगा तब तक वे उसके प्रति लगाव कैसे लगाएंगे। साहित्य परिषद का काम सिर्फ साहित्य के कार्यक्रम आयोजित करने नही है। बल्कि हमारा काम है कि हम इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में अच्छे श्रोता, अच्छे पाठक तैयार करें। क्योंकि जब अच्छे पाठक मौजूद होंगे तो अच्छे साहित्य की मांग भी अपने आप बढ़ जाएगी। और जब पाठक ही अच्छा साहित्य पड़ने लगेगा तो यकीन मानिए लोग भी अच्छा लिखना शुरू कर देंगे। कुल मिलाकर अच्छा साहित्य और अच्छे पाठक दोनों ही विगत 70 सालों से परोसे जा रहे दूषित साहित्य को हमारे समाज से दूर का सकते हैं। उन्होंने मौजूद सदस्यों को बताया कि वर्ष भर में हमारे तीन प्रमुख अयोजन होते हैं। जिन्हें हम साल भर में आयोजित करते हैं।जिनमे वर्ष प्रतिपदा, गुरु पूर्णिमा एवं शरद पूर्णिमा इनके अतिरिक्त भी हम साल भर में अनेक कार्यक्रमो का आयोजन करते हैं। काका जी ने आज के नए साहित्यकारों और कवियों और लेखकों को समझया की वे अपने लिखे गए साहित्य को अच्छे से अच्छा लिखने की बजाय उसके प्रचार करने की ज्यादा चिंता करते हैं । लेकिन आप पाठक के मन को समझ कर लिखें आखिर उसे किसमे आनंद आता है। तो आपको प्रचार की जरूरत ही नही पड़ेगी। उन्होंने तुलसीदास जी का उद्दाहरण देते हुए बताया कि उस समय प्रचार प्रसार का कोई साधन नही था ।उसके बाद भी श्री राम चरित मानस आज तक कि सबसे बेस्ट सेलर किताब बनी हुई है। कुल मिलाकर आपके साहित्य में वो बात होनी चाहिये कि पाठक एक पेज पड़े तो दूसरे पेज को पढ़ने में उसकी रुचि और बढ़ जाये। और दूसरे पेज के बाद तीसरे चौथे पेज को पड़े बिना रह न सके। कार्यक्रम को प्रदेश महामंत्री श्री प्रवीण गुगनानी ने भी संबोधित किया।उन्होंने आज परिषद की घोषित हुई कार्यकारिणी के सदस्यों को बताया की आप अपने काम के प्रति समर्पित भाव रखें हम जो कर रहे हैं ये संगठन ने हमे जिम्मेदारी दी है और हमे अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए समय देना चाहिए। उन्होंने आजकल की मीडिया के बारे के बारे में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लोग कुछ भी दिखा रहे हैं कुछ भी खबरें चला रहे हैं। इसलिए अब हमारी मेहमत और अधिक बढ़ जाती है कि हम अपने आस पास के बातावरण को सुधारें। लोगों तक अच्छे साहित्य को पहुंचाए। अच्छी अच्छी किताबें खुद भी पढ़ें और दूसरों को भी पड़ने को प्रेरित करें। हमारे कार्यक्रमो में सिर्फ हमारे सदस्य ही नही बल्कि आसपास के वुद्धिजीवी, साहित्यकार, कवियों एवं आम जनता के लोगों को भी जोड़ें। प्रान्त अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव ने परिषद के वर्ष भर के कार्यक्रमों का वृत्त प्रस्तुत किया एवं उन्होंने सबसे कहा कि परिषद को और परिषद के कार्यों को समझने के लिए साहित्य परिषद का इतिहास एवं साहित्य का धर्म ये दो पुस्तकें सबको पड़नी चाहिए। जिससे हमें पता चलेगा कि हमको करना क्या है । प्रान्त महामंत्री आशुतोष शर्मा ने परिषद के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। जिसमे आगामी 9 एवं 10 सितंबर को विदिशा में प्रांतीय अधिवेशन होना है। और उससे पहले प्रत्येक जिले में जिला सम्मेंलन एवं केंद्र एवं प्रान्त से प्रवास के कार्यक्रम किये जाने हैं। एवं साहित्य संवर्धन यात्रा के यात्रा वृतांतों का शीघ्र संकलन किया जाकर उन्हें भिजवाने की बात कही।

इनको मिली नई जिम्मेदारी

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की मध्य भारत प्रान्त की कार्यकारिणी की घोषणा प्रान्त अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव और महामंत्री आशुतोष शर्मा ने राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर प्रदेश महामंत्री प्रवीण गुगनानी की उपस्थिती में कार्यक्रम के अंत मे की। जिसमे प्रांतीय उपाध्यक्ष श्री मति रमा सिंह गुना, श्री मति ममता वाजपेयी भोपाल, सुनील पांसे भोपाल, एवं दिनेश याग्निक रायसेन को बनाया गया है। प्रान्त मंत्री की जिम्मेदारी ब्रह्मदत्त श्रीवास्तव दतिया,मुकेश शांडिल्य चिराग हरदा,श्रीमती सुनीता यादव भोपाल, श्री मति करुणा सक्सेना ग्वालियर को दी गयी है।
विशेष आमन्त्रित सदस्यों में लखन लाल खरे शिवपुरी, श्रीमती कामिनी दतिया, ब्रजकिशोर पटेल नर्मदा पुरम, सुखदेव सिंह सेंगर भिंड,शिवेंद्र सिंह शिवेंद्र भिंड, राजेन्द्र राही भोपाल,श्री मति महिमा तारे ग्वालियर, उदय ढोली विदिशा, एवं संतोष सागर विदिशा को शामिल किया गया है।
प्रान्त मीडिया प्रभारी का दायित्व जयपाल सिंह जाट शिवपुरी एवं सह मीडिया प्रभारी राकेश सिंह भोपाल एवं नवल वर्मा बैतूल को सौंपा गया है।
संभागीय मीडिया प्रभारी ग्वालियर रामचरण चिड़ार एवं अमित बिल्लोरे को नर्मदापुरम का संभागीय मीडिया प्रभारी बनाया गया है।
इनके साथ ही प्रान्त युवा आयाम प्रभारी पुष्पक देशमुख बैतूल, इनके साथ सह प्रभारी पुरु शर्मा भोपालध्रुव शर्मा विदिशा,अंकित अग्रवाल ग्वालियर एवं विकाश शुक्ल प्रचण्ड शिवपुरी को दिया है।

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